छत्तीसगढ़ का इतिहास और पर्यटन स्थलों की विस्तृत जानकारी

Team 24 News
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छत्तीसगढ़, प्राचीन काल से विभिन्न संस्कृतियों का केंद्र रहा है। इसका उल्लेख प्राचीन धर्म ग्रंथों से लेकर रामायण और महाभारत में भी मिलता है। यह मध्य भारत का एक विशाल वनों वाला राज्य है जो अपने मंदिरों और झरनों के लिए मशहूर है।

छत्तीसगढ़ का गठन और भौगोलिक स्थिति

छत्तीसगढ़ को पहले कौशल राज्य के तौर पर जाना जाता था और इसे 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग कर एक नए राज्य के रूप में स्थापित किया गया। इसकी राजधानी रायपुर है और इसकी सीमाएं झारखंड, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से मिलती हैं। यहां महानदी, अरपा, शिवनाथ, हरदेव और खारून जैसी प्रमुख नदियाँ बहती हैं। वर्तमान में, छत्तीसगढ़ में 33 जिले हैं और इसका भौगोलिक क्षेत्रफल 195,194 वर्ग किलोमीटर है, जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 4.4% है। यह देश का दसवां बड़ा राज्य है।

जनसंख्या और साक्षरता

2011 की जनगणना के अनुसार, छत्तीसगढ़ की कुल आबादी 2 करोड़ 55 लाख 45 हजार 198 है। राज्य की साक्षरता दर 70.8% है। यहां 1000 पुरुषों की तुलना में 991 महिलाएं हैं। राज्य की ज्यादातर आबादी हिंदू है, जो पूरी आबादी का लगभग 95% है। इसके अलावा यहाँ मुस्लिम, बौद्ध, सिख और अन्य धर्म के लोग भी रहते हैं।

खनिज संपदा

छत्तीसगढ़ खनिज संपदा के मामले में बहुत समृद्ध है। यहां पर चूना पत्थर, लौह अयस्क, तांबा, फॉस्फेट, मैंगनीज, बॉक्साइट, कोयला और अभ्रक के बड़े भंडार हैं। तांबे की सबसे अधिक मात्रा बिलासपुर जिले से मिलती है। राज्य में बॉक्साइट का अनुमानित भंडार 7.3 करोड़ टन है। कोयले का भंडार 2690 करोड़ टन है और स्वर्ण भंडार भी लगभग 485000 किलोग्राम की क्षमता का है। भिलाई में भारत का एक बड़ा इस्पात संयंत्र स्थित है और राज्य में 75 से भी ज्यादा बड़े और मध्य इस्पात उद्योग हैं।

कृषि और मुख्य फसलें

छत्तीसगढ़ की 80% आबादी कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों में लगी है। यहां की मुख्य फसल धान है और इसे धान का कटोरा भी कहा जाता है। राज्य में प्रति हेक्टेयर 14 क्विंटल धान का उत्पादन होता है। अन्य महत्वपूर्ण फसलें मक्का, गेहूं, मूंगफली और दलहन हैं। राज्य में मवेशी और पशुपालन भी रोजगार का एक महत्वपूर्ण साधन है।

प्रमुख पर्यटन स्थल

छत्तीसगढ़ अपने जंगलों, धार्मिक स्थलों और झरनों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:

मैनपाट

मैनपाट एक खूबसूरत गांव है जिसे छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहा जाता है। यह सरगुजा जिले में स्थित है और विंध्य पर्वत माला पर है। यहां का तापमान कम होता है और सर्दियों में बर्फबारी होती है।

बस्तर

बस्तर दशहरा परंपराओं और शक्ति उपासना के लिए विश्वप्रसिद्ध है। यहां का दशहरा पर्व 75 दिनों तक चलता है। बस्तर अपने पारंपरिक रस्म और अनूठे अंदाज के लिए जाना जाता है।

शिवरीनारायण धाम

शिवरीनारायण धाम को छत्तीसगढ़ का जगन्नाथ पूरी भी कहा जाता है। यहां भगवान जगन्नाथ की तीनों प्रतिमाएं प्राचीन समय में स्थापित थीं। यह स्थान पवित्र त्रिवेणी संगम के दर्शन के लिए भी प्रसिद्ध है।

डोंगरगढ़

डोंगरगढ़ एक धार्मिक शहर है जो देवी बमलेश्वरी के प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर राजनांदगांव जिले से लगभग 35 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है।

गिरोधपुरी धाम

गिरोधपुरी धाम सतनामी संप्रदाय का शाश्वत प्रतीक है और यहां दुनिया का सबसे ऊंचा जैतखाम स्थित है। यह स्थान अपनी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।

कैलाश गुफा

जशपुर में स्थित कैलाश गुफा शिव भक्तों का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां हर साल सावन में भारी संख्या में शिव भक्त आते हैं और गुफा के अंदर स्थित शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं।

गंगरेल बांध

धमतरी जिले का गंगरेल बांध महानदी पर स्थित है और राज्य का सबसे बड़ा बांध है। यहां विद्युत उत्पादन भी होता है और यह एक प्रमुख पर्यटक स्थल है।

चित्रकूट जलप्रपात

चित्रकूट जलप्रपात इंद्रावती नदी पर स्थित है और इसे भारत का नियाग्रा फॉल्स कहा जाता है। इसकी ऊंचाई 90 फीट है और यह बारिश के दिनों में रक्त लालिमा लिए होता है।

पुरखौती मुक्तांगन

पुरखौती मुक्तांगन उद्यान छत्तीसगढ़ की समृद्धि और जैव सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है और यहां सांस्कृतिक जागरूकता फैलती है।

यात्रा के साधन

छत्तीसगढ़ पहुंचने के लिए आप भारतीय रेल, हवाई यात्रा या सड़क मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। राज्य के प्रमुख जंक्शन रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग हैं। हवाई यात्रा के लिए रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर में हवाई अड्डे उपलब्ध हैं।

छत्तीसगढ़ का पारंपरिक भोजन

छत्तीसगढ़ का पारंपरिक भोजन चिला बहुत प्रसिद्ध है। इसके अलावा मुठिया, बड़ा और तिलगुड़ कुर्मा भी यहाँ के विशेष व्यंजन हैं। यह व्यंजन स्थानीय मसालों और चावल से तैयार किए जाते हैं और बेहद स्वादिष्ट होते हैं।

छत्तीसगढ़ एक सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों से समृद्ध राज्य है। यहां की सुंदरता, धार्मिक स्थल, ऐतिहासिक महत्व और स्थानीय व्यंजन इसे एक अद्वितीय पर्यटक स्थल बनाते हैं। अगर आप एक नई जगह की यात्रा करना चाहते हैं, तो छत्तीसगढ़ जरूर जाएं और इसके विविध रंगों का अनुभव करें।

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