भारतीय जनता पार्टी ने Modi Mantrimandal 3.0 का पूरा खाका देश के सामने पेश कर दिया है। नरेंद्र मोदी के साथ कुल 71 मंत्रियों की टीम तैयार हो चुकी है। विभिन्न राज्यों की भूमिका और भागीदारी के अनुसार उन्हें पद दिए गए हैं। अगर हम छत्तीसगढ़ की बात करें तो इस राज्य ने बीजेपी को बेहतरीन परिणाम दिए हैं, जिसके चलते छत्तीसगढ़ को एक राज्य मंत्री का पद मिला है।
Modi Mantrimandal में छत्तीसगढ़ का नेतृत्व करेंगे तोखन साहू
रायपुर: बिलासपुर के सांसद तोखन साहू को मोदी कैबिनेट 3.0 में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह नियुक्ति छत्तीसगढ़ में जातीय राजनीति के समीकरण को साधने के लिए है? साहू समाज का वोट बैंक बड़ा और प्रभावी है, जिसे साधने के लिए बीजेपी ने यह कदम उठाया है।
साहू वोट बैंक और तोखन साहू की केंद्रीय कैबिनेट में नियुक्ति
तोखन साहू पिछड़ा वर्ग से आते हैं और छत्तीसगढ़ में साहू समाज की आबादी सबसे ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में 30 लाख से अधिक साहू समाज के लोग हैं, जो निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यहां 12.6 प्रतिशत साहू समाज के वोट हैं। ऐसे में मोदी कैबिनेट 3.0 में तोखन साहू को शामिल करने के पीछे बीजेपी की जाति समीकरण साधने की रणनीति है।
बिलासपुर में तोखन साहू की बड़ी जीत
बिलासपुर से तोखन साहू को पहली बार टिकट दिया गया और उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की। उन्हें 724937 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी देवेंद्र यादव को 560379 वोट मिले। यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच 164558 वोटों का अंतर था। बिलासपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी को 53.25% और कांग्रेस को 41.16% वोट मिले।
ओबीसी वोट बैंक से जोड़ती बीजेपी
छत्तीसगढ़ में 2019 और 2024 के चुनाव परिणामों को देखें तो बीजेपी ने 2024 में बेहतर प्रदर्शन किया है। 2018 में बीजेपी का दलित, आदिवासी और ओबीसी वोट बैंक दूर चला गया था, जिससे बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई थी। लेकिन 2023 में बीजेपी ने इन जातियों को अपने साथ जोड़ लिया। इसका एक बड़ा कारण ओबीसी वोट बैंक का बीजेपी के साथ जुड़ना है।
साहू समाज और बीजेपी की रणनीति
बीजेपी लगातार ओबीसी वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। छत्तीसगढ़ से साहू समाज के नेता को मंत्रिमंडल में जगह देने के पीछे यही सबसे बड़ी वजह है। साहू समाज ने बीजेपी को बेहतरीन परिणाम दिए हैं। जातीय समीकरण और वोट प्रतिशत को देखते हुए ओबीसी वोट बैंक बीजेपी के साथ छत्तीसगढ़ में जुड़ा हुआ है।
कांग्रेस और साहू समाज
जब कांग्रेस की सरकार विधानसभा में बनी थी तब ताम्रध्वज साहू एक प्रमुख मंत्री थे। छत्तीसगढ़ में चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस, दोनों ही साहू समाज की राजनीति को साधने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते, क्योंकि यह समाज राजनीति की जीत की दिशा को सीधे-सीधे प्रभावित करता है।
समर्थन मूल्य और महतारी वंदन योजना का प्रभाव
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को मिली बड़ी जीत के पीछे दो बड़े कारण माने जा रहे हैं: धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य और महतारी वंदन योजना। इन दोनों योजनाओं का सीधा लाभ लोकसभा चुनाव में मिला है। तोखन साहू छत्तीसगढ़ के बड़े जातीय समीकरण के समाज से आते हैं, और उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करके बीजेपी ने दलित, आदिवासी और ओबीसी वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया है।
मोदी कैबिनेट 3.0 में तोखन साहू की नियुक्ति छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम है। बीजेपी ने साहू समाज के वोट बैंक को साधने के लिए यह रणनीति अपनाई है, जो आगामी चुनावों में निर्णायक साबित हो सकती है। छत्तीसगढ़ में जातीय समीकरण और वोट बैंक की राजनीति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।
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