Raigarh News। मृत्यु बीमा पालिसी वैधता अवधि के दौरान सडक़ दुर्घटना में पॉलिसीधारक की मृत्यु होने के बावजूद उचित आधार नहीं होना बताते हुए बीमा की राशि न देकर सेवा में कमी करने के मामले में उपभोक्ता फोरम ने एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी को 45 दिनों के भीतर फरियादी को बीमा के दस लाख रुपए देने का आदेश जारी किया है। मिली जानकारी के अनुसार शहर के लाल टंकी रोड निवासी अधिवक्ता रमेश कुमार शर्मा के पुत्र आशुतोष शर्मा का एचडीएफसी बैंक में खाता था। बैंक द्वारा उसका कार्ड इंश्योरेंस पैकेज किया गया था। वहीं एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी से उसने दस लाख रुपए का बीमा भी करवाया था।
15 फरवरी 2018 को सडक़ दुर्घटना में आशुतोष शर्मा की मृत्यु हो गई थी। इस दौरान बीमा पॉलिसी की वैधता जारी थी। उसकी मृत्यु पश्चात बीमा पॉलिसी में नॉमिनी रमेश शर्मा ने आशुतोष का मृत्यु प्रमाण पत्र, एफआईआर की प्रति व पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रस्तुत कर कंपनी से बीमा राशि की मांग की। इस पर कंपनी ने मृतक की विसरा रिपोर्ट नहीं होना बताते हुए बीमा क्लेम को निरस्त कर दिया, जबकि रमेश द्वारा थाने से जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि आशुतोष का विसरा जांच के लिए भेजा ही नहीं गया है।
बीमा कंपनी द्वारा उचित आधार नहीं होना बताते हुए क्लेम निरस्त करने पर रमेश शर्मा ने उपभोक्ता फोरम में परिवाद पत्र दाखिल किया। उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष छमेश्वर लाल पटेल एवं सदस्य द्वय राजेन्द्र पाण्डेय तथा राजश्री अग्रवाल ने उभयपक्ष की सुनवाई करते हुए यह पाया कि आवेदक रमेश कुमार शर्मा ने पीएम रिपोर्ट, एफआईआर सहित अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किया है। इस पर मृतक की विसरा रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अपेक्षा करना उचित नहीं है।
वहीं उपभोक्ता फोरम ने एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्योरंस कंपनी को 45 दिनों के भीतर फरियादी को बीमा के दस लाख रुपए देने का आदेश जारी किया है। वहीं कंपनी को क्षतिपूर्ति राशि के रूप में पांच हजार तथा वाद व्यय के दो हजार रुपए भी अलग से प्रदान करना होगा।