छत्तीसगढ़ राज्य में अयोध्या में होने वाले “रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह” के दिन, सीएम साय ने 22 जनवरी को शुष्क दिवस करने की घोषणा की है। इस महत्वपूर्ण घड़ी में, राज्य में आयोजित होने वाले समारोह का आयोजन एक नए दृष्टिकोण से किया जा रहा है।
सीएम साय का संदेश
सीएम साय ने अपने ट्विटर पर इस महत्वपूर्ण समय के बारे में सभी को सूचित किया है। उनके ट्वीट से साफ है कि यह समारोह धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्वपूर्णता के साथ आयोजित हो रहा है और इसे समर्थन देने के लिए राज्य के नागरिकों को आमंत्रित किया गया है।
अयोध्या में आयोजित "रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह" के अवसर पर 22 जनवरी को छत्तीसगढ़ राज्य में शुष्क दिवस।
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) January 2, 2024
– मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने की घोषणा ।
– भगवान श्रीराम के ननिहाल में अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर प्रदेश भर में खुशी का माहौल।
– रामलला…
शुष्क दिवस का महत्व
“रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह” के शुष्क दिवस का आयोजन, राज्य के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण समय है। इस अद्वितीय क्षण में, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्वपूर्णता को बढ़ावा देने के लिए समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
समारोह की योजना
समारोह की योजना में शामिल हैं विभिन्न कला कार्यक्रम, भजन संध्या, और धार्मिक आचार्यों के उपदेशों का संग्रहण। इसके अलावा, स्थानीय कलाकारों को समर्थन के लिए भी मंचन मिलेगा। यह समारोह राज्य के सांस्कृतिक धरोहर को प्रमोट करने का एक सुनहरा मौका प्रदान करेगा।
सांस्कृतिक विशेषता
छत्तीसगढ़ का यह समारोह राज्य की सांस्कृतिक विशेषता को प्रमोट करने का कारगर तरीका है। यहां आयोजित होने वाले समारोह में राज्य की विभिन्न शैलियों और कलाओं का प्रदर्शन होगा, जिससे लोग अपने स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को समझने में सक्षम होंगे।
समाज को जोड़ना
इस समारोह का उद्देश्य समाज को एक साथ लाना और लोगों को उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को साझा करने में मदद करना है। यह एक सामूहिक अनुभव होगा जो लोगों को एक-दूसरे के साथ जोड़ेगा और समृद्धि और एकता की भावना को बढ़ावा देगा।
इस प्रमुख घड़ी में, छत्तीसगढ़ राज्य तैयार है एक नये अध्याय की शुरुआत करने के लिए। “रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह” के इस शुष्क दिवस में, हर कोने से लोग इस धार्मिक और सांस्कृतिक यात्रा में शामिल होंगे और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को गर्व से उजागर करेंगे।